ट्रांसफार्मर में कौन सा तेल डाला जाता है और क्यों नहीं जलता? फायदे जानिए


ट्रांसफार्मर में कौन सा तेल डाला जाता है और क्यों नहीं जलता? फायदे जानिए

जब ट्रांसफार्मर की बात होती है, तो सबसे महत्वपूर्ण घटकों में से एक है ट्रांसफार्मर ऑयल। यह न केवल ट्रांसफार्मर के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करता है, बल्कि इसकी आयु और कार्यक्षमता बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाता है।

कौन सा तेल डाला जाता है?

ट्रांसफार्मर में मुख्य रूप से मिनरल ऑयल (Mineral Oil) डाला जाता है, जिसे ट्रांसफार्मर ऑयल भी कहा जाता है। यह एक विशेष प्रकार का इन्सुलेटिंग ऑयल है, जो उच्च वोल्टेज वाले इलेक्ट्रिकल उपकरणों में इस्तेमाल किया जाता है।

कुछ विशेष परिस्थितियों में, जहाँ और अधिक सुरक्षा की आवश्यकता होती है, वहाँ सिलिकॉन ऑयल या सिंथेटिक ऑयल का भी प्रयोग किया जाता है। ये तेल उच्च तापमान पर भी स्थिर रहते हैं, लेकिन सामान्य मिनरल ऑयल की तुलना में महंगे होते हैं।

इसके फायदे

  • कूलिंग (ठंडा करना):
    ट्रांसफार्मर के कॉइल और अन्य घटक संचालन के दौरान गर्म हो जाते हैं। तेल इस गर्मी को सोखकर बाहर के कूलिंग सिस्टम तक पहुंचाता है, जिससे ओवरहीटिंग का खतरा कम हो जाता है।

  • इन्सुलेशन (विद्युत सुरक्षा):
    यह तेल विद्युत स्पार्किंग, शॉर्ट सर्किट और ब्रेकडाउन से बचाव करता है।

  • नमी और धूल से सुरक्षा:
    तेल ट्रांसफार्मर के अंदर नमी, धूल और गंदगी को दूर रखता है, जिससे उपकरण की परफॉर्मेंस बनी रहती है।

  • लंबे समय तक स्थिरता:
    मिनरल ऑयल उच्च तापमान और वोल्टेज की स्थिति में भी लंबे समय तक अपनी कार्यक्षमता बनाए रखता है।

यह तेल जलता क्यों नहीं?

ट्रांसफार्मर ऑयल विशेष रूप से इस तरह डिजाइन किया जाता है कि यह उच्च तापमान सहन कर सके और आसानी से प्रज्वलित (ignite) न हो। इसमें उच्च फ्लैश पॉइंट होता है — यानी इसे जलने के लिए बहुत ज्यादा तापमान चाहिए। इसलिए सामान्य परिस्थितियों में यह तेल नहीं जलता, बल्कि सुरक्षित रूप से अपनी कूलिंग और इन्सुलेटिंग भूमिका निभाता है।


रिपोर्ट: संजय कुमार धीरज | साहिबगंज न्यूज डेस्क

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