पाकुड़ के जंगल में मिला 10 करोड़ वर्ष पुराना जीवाश्म, जियोलॉजिकल सर्वे टीम करेगी प्रमाणित
पाकुड़ : जिले के लिट्टीपाड़ा वन क्षेत्र के चितलो सुरक्षित वन क्षेत्र में करोड़ों वर्ष पुराना जीवाश्म मिला है। इस खोज से न केवल जिला, बल्कि पूरा झारखंड गौरवान्वित है। वन पदाधिकारी सौरव चंद्रा के निर्देश में रेंजर रामचन्द्र पासवान, वन्य प्राणी विशेषज्ञ अली जिबरान सहित अन्य के नेतृत्व में टीम सर्वे पर निकली थी।
इस दौरान वन क्षेत्र में पत्ते का जीवाश्म मिलने की पुष्टि हुई। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के वैज्ञानिक सौरभ पाल ने फोटो और वीडियो देखकर इसे "लीफ इम्प्रेशन" के रूप में प्रमाणित किया। बताया जा रहा है कि यह जीवाश्म लगभग दस करोड़ वर्ष पुराना है।
चितलो सुरक्षित वन में इस जीवाश्म का पाया जाना चर्चा का विषय बन रहा है। रेंजर रामचन्द्र पासवान ने कहा कि पाए गए जीवाश्म की गुणवत्ता अनोखी है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह जीवाश्म लगभग 10 करोड़ वर्ष पुराना है। भविष्य के लिए जियोलॉजिकल सर्वे टीम द्वारा और जांच की आवश्यकता है।
इससे पहले पाकुड़ के सोनाजोड़ी और बरमसिया क्षेत्रों में भी करोड़ों वर्ष पुराना जीवाश्म मिल चुके हैं, जिससे क्षेत्र पुराजीवविज्ञान के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण है। वन विभाग का मानना है कि यह खोज शोधार्थियों के लिए अध्ययन का केंद्र बनेगी। यह खोज प्रमाणित करती है कि कभी पाकुड़ क्षेत्र में विविध प्रकार के जीव-जंतु और वनस्पतियाँ पाई जाती थीं।

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