साहिबगंज का पुराना लोको शेड बनेगा रेलवे विकास योजनाओं का केंद्र: DRM
साहिबगंज स्टेशन स्थित पुराना लोको शेड एक बार फिर रेलवे विकास योजनाओं का केंद्र बनेगा: DRM मनीष गुप्ता
साहिबगंज : साहिबगंज स्टेशन स्थित पुराना लोको शेड एक बार फिर रेलवे विकास योजनाओं का केंद्र बनने जा रहा है। उक्त बातें मालदा रेल मंडल के डीआरएम मनीष गुप्ता ने यहां निरीक्षण के क्रम में कही। उन्होंने कहा कि यार्ड विस्तार के साथ-साथ डॉक पीट बनाने की भी तैयारी की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि साहिबगंज का ऐतिहासिक लोको शेड कभी कोयला इंजन का बड़ा ठिकाना था। अब रेलवे द्वारा विकास की नई कहानी लिखने की तैयारी की जा रही है। शनिवार को मालदा रेल मंडल के डीआरएम मनीष गुप्ता ने वरिष्ठ अधिकारियों और तकनीकी इंजीनियरों की टीम के साथ पूरे क्षेत्र का गहन निरीक्षण किया।
निरीक्षण पश्चिम रेलवे फाटक के दक्षिणी हिस्से से लेकर तालाब तक फैले इलाके में हुआ। योजना के मुताबिक, पुरानी और जर्जर रेल लाइनों को हटाकर नई लाइन बिछाई जाएगी। साथ ही यहां डॉक पीट भी बनाया जाएगा। डॉक पीट यानि ट्रेन का सर्विस पॉइंट,
जहां तकनीकी इंजीनियर ट्रेन के निचले हिस्से की मरम्मत आसानी से कर सकें। इससे ट्रेनों का रख-रखाव बेहतर होगा और लंबी दूरी के साथ लोकल ट्रेनों का संचालन भी सुगम हो पाएगा। अधिकारियों का कहना है कि यार्ड विस्तार के लिए जगह की कमी नहीं है। पुराने रेलवे क्वार्टर हटाकर पर्याप्त जगह तैयार किया जा सकता है।
क्या कहते हैं डीआरएम?
मालदा रेल मंडल के डीआरएम मनीष गुप्ता ने कहा कि साहिबगंज में रेलवे विकास की संभावनाएं बहुत हैं। यहां यार्ड विस्तार और डॉक पीट के निर्माण से ट्रेन संचालन की क्षमता और बेहतर होगी। हमारी टीम लगातार तकनीकी समीक्षा कर रही है।
इतिहास गवाह है कि साहिबगंज का यह लोको शेड कभी कोयला इंजनों का केंद्र हुआ करता था। इंजन का रुख बदलने के लिए यहां खास ‘रेस रेल’ बनी थी। अब उसी ऐतिहासिक जगह पर रेलवे की नई योजनाएं आकार लेने जा रही हैं।
यानी साफ है कि साहिबगंज का पुराना लोको शेड अब रेलवे विकास की नई तस्वीर बनने जा रहा है। अगर यार्ड विस्तार और डॉक पीट का निर्माण पूरा हो गया, तो न केवल यहां से चलने वाली ट्रेनों की संख्या में इजाफा होगा, वरन् यात्रियों को भी बड़ी राहत व सहूलियत मिलेगी।
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