श्मशान घाट की दयनीय स्थिति, गंदगी से अंतिम संस्कार में हो रही परेशानी
श्मशान घाट की व्यवस्था दयनीय, लाशों के जले अवशेष, लकड़ियां, कफ़न यथावत पड़े, छठ निकट पर स्वच्छता नदारद
साहिबगंज : शहर के बिजली घाट स्थित गंगा तट पर मुनीलाल श्मशान घाट की व्यवस्था अत्यंत दयनीय हो चुकी है। जैसे-जैसे गंगा का जलस्तर घट रहा है, नदी की तलहटी में जमा मलवा और कचरा सतह पर आ गया है, जिससे घाट पर अंतिम संस्कार करना बेहद कठिन हो गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि घाट के चारों ओर जली हुई लकड़ियां, कफन, राख और अन्य अवशेष फैले पड़े हैं। सफाई का कोई समुचित प्रबंध नहीं है। यहां तक कि जो लोग अंतिम संस्कार के लिए आते हैं, उनसे टैक्स वसूला जाता है और रसीद भी दी जाती है। परंतु सफाई व्यवस्था पूरी तरह लचर बनी हुई है।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि नगर परिषद की गाड़ियां आती तो हैं, लेकिन केवल झाड़ू लगाकर कचरा जमा कर चली जाती हैं। लाशों के जले हुए अवशेष, लकड़ियां, कफन आदि यथावत पड़े रहते हैं। इससे लोगों को अंतिम संस्कार में भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। छठ पर्व भी निकट है, लेकिन श्मशान घाट की सफाई की ओर अब तक नगर परिषद ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
वहीं, नगर प्रशासन द्वारा दुर्गा पूजा विसर्जन के बाद मूर्तियों के अवशेष तो उठवा लिए गए हैं, लेकिन श्मशान घाट की सफाई अभी तक उपेक्षित है। नगर परिषद के सिटी मैनेजर विरेश कुमार ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही श्मशान घाट की सफाई कराई जाएगी। स्थानीय लोग प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लोगों की मांग है कि प्रशासन इस समस्या का शीघ्र समाधान करे।

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