फास्ट फूड का बढ़ता खतरा: महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन, मरीजों से ठगी भी बढ़ी
शहर में फास्ट फूड और सिंथेटिक खाद्य पदार्थों का बढ़ता प्रचलन लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है। वहीं, इसके नाम पर मरीजों से ठगी का खेल भी लगातार बढ़ रहा है। डॉक्टरों के बीच दवाओं की एक जैसी कीमत और फॉर्मूला न मिलने का बहाना बनाकर मरीजों को महंगी दवाएं थमाई जा रही हैं।
फास्ट फूड में पोषक तत्वों की भारी कमी
पोद्दार होमियोक्लिनिक के डॉ. सूर्यानंद प्रसाद के अनुसार, चाउमिन, बर्गर, पिज़्ज़ा, पकौड़े, सॉस, चटनी, आचार और अन्य फास्ट फूड में पोषक तत्व बेहद कम होते हैं। इनका नियमित सेवन पाचन तंत्र, हार्मोन और संपूर्ण शारीरिक संरचना पर खराब असर डालता है।
उन्होंने कहा कि घरेलू भोजन शरीर के लिए अधिक सुरक्षित और पौष्टिक है, इसलिए लोगों को इसे ही प्राथमिकता देनी चाहिए।
मरीजों को इलाज के नाम पर भारी ठगी
फास्ट फूड से स्वास्थ्य खराब होने के बाद जब लोग डॉक्टरों के पास पहुंचते हैं तो उन्हें महंगी दवाओं और अनावश्यक अस्पताल खर्चों का सामना करना पड़ता है।
हाल ही में खुटहरी गांव के एक युवक से साहिबगंज के एक निजी अस्पताल ने एक सप्ताह भर्ती रखने और इलाज के नाम पर 70 हजार रुपये वसूल लिए।
लोगों का कहना है कि बीमारी भी फास्ट फूड से और ठगी भी इलाज के बहाने—दोहरा नुकसान हो रहा है।
सिविल सर्जन की सलाह: घरेलू भोजन अपनाएँ, ठगी के खिलाफ शिकायत करें
सिविल सर्जन डॉ. रामदेव पासवान ने बताया कि लोगों को सिंथेटिक और फास्ट फूड का सेवन रोक देना चाहिए। साथ ही, किसी भी तरह की डॉक्टर ठगी की शिकायत सीधे स्वास्थ्य विभाग में दर्ज करानी चाहिए ताकि उचित कार्रवाई हो सके।
महिलाओं में बढ़ रहा हार्मोनल असंतुलन
डॉ. सूर्यानंद प्रसाद ने बताया कि सिंथेटिक और फास्ट फूड का सबसे गंभीर प्रभाव महिलाओं और किशोरियों के हार्मोनल स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इससे अनियमित मासिक धर्म, मुंहासे, मोटापा, बाल झड़ना जैसी समस्याएं तेज़ी से बढ़ रही हैं। उन्होंने स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित घरेलू भोजन और नियमित व्यायाम को आवश्यक बताया।
रिपोर्ट: संजय कुमार धीरज | साहिबगंज न्यूज डेस्क

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