बिहार के बाद झारखंड में सियासी हलचल, नई सरकार गठन की अटकलें तेज
बिहार में राजग की प्रचंड जीत के बाद अब राजनीतिक हलचल की दिशा झारखंड की ओर मुड़ती दिख रही है। राज्य में फिलहाल सत्ता समीकरण स्थिर नजर आता है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में बदलाव की आहट तेज हो चुकी है।
सूत्रों के अनुसार, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने दो दिन पहले दिल्ली में भाजपा के एक शीर्ष नेता से मुलाकात की है। दावा किया जा रहा है कि यह केवल औपचारिक चर्चा नहीं थी, बल्कि साथ आने को लेकर प्रारंभिक सहमति भी बन गई है।
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, उपमुख्यमंत्री पद को लेकर भी बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है। बताया जाता है कि यह जिम्मेदारी बाबूलाल मरांडी या चंपाई सोरेन में से किसी एक को दी जा सकती है। यह पूरे घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जब वर्तमान सरकार को स्थिर माना जा रहा है।
झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन के पास सुरक्षित बहुमत है और किसी भी असहमति की स्थिति में भी झामुमो अपने दम पर सरकार चला सकता है। वहीं कांग्रेस भी भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए बाहरी समर्थन देने की स्थिति में होगी।
परंतु राजनीति केवल संख्या का खेल नहीं, बल्कि परिस्थितियों और अवसरों की समझ का भी विषय है। झारखंड विधानसभा की 81 सीटों में बहुमत के लिए 41 सीटों की आवश्यकता होती है। वर्तमान में झामुमो के पास 34, कांग्रेस 16, राजद 4 और वामदल की 2 सीटें हैं। यानी कुल संख्या 56 होती है।

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