ये क्या? अभी आम का मौसम खत्म हुआ भी नहीं की फिर से आ गए पेड़ों पर मंजर
मुंगेर और भागलपुर में पेड़ से आम तोड़ने के तुरंत बाद फिर से मंजर आ गए हैं। यहां के लोग किसी अनहोनी की शंका से चिंतित हैं। उनका कहना है कि यह पर्यावरण असंतुलन है या फिर कुछ और है या चमत्कार।
बता दें कि जुलाई में आम से हर बाजार पटा हुआ है। पेड़ों पर अब आम नहीं हैं, क्योंकि सारे आम तोड़ लिए गए। अब आम का अगला मंज़र यानी बौर फरवरी-मार्च में आएगा। यह तो हुआ आमों का नार्मल समय।
कुछ ऐसे आम भी हैं जो मार्च में पक जाते हैं और बाजारों में बिकने आ जाते हैं, खासकर दक्षिण के राज्यों के आम। कुछ आम ऐसे भी होते हैं, जो जरा देर से पकते हैं और इसलिए वे जुलाई महीने के आखिर तक बाजार में आते हैं।
मुंगेर इलाके के कई किसानों ने अपने कलम आम की तस्वीर भेजी है, जिस पर एक महीने पहले आम तोड़ लिए गए थे। अब उसमें फिर से मंजर आ गए हैं, ऐसा अजूबा पहले कभी नहीं हुआ है।
By: Sanjay Kumar Dhiraj
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