पैसे लेकर ऑपरेशन नहीं करने का आरोप, पीड़िता ने डीडीसी को सौंपा आवेदन
साहिबगंज: सदर अस्पताल में गरीबों के लिए मुफ्त ऑपरेशन का झांसा देकर 15,000 रुपये लेने और ऑपरेशन न कर महिला को अस्पताल से भगा देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़िता सुकूम देवी (38) ने इस संबंध में उप विकास आयुक्त (DDC) सतीश चंद्रा को लिखित शिकायत सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है।
मुफ्त ऑपरेशन शिविर के नाम पर वसूले 15 हजार रुपये
बरहेट प्रखंड के संथाली क्षेत्र की रहने वाली सुकूम देवी ने अपने आवेदन में बताया कि उन्हें लंबे समय से पेट दर्द की समस्या थी। अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में उनकी बच्चेदानी में गंभीर समस्या पाई गई, जिसके इलाज के लिए ऑपरेशन जरूरी था। स्थानीय डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि सदर अस्पताल में एनजीओ के माध्यम से मुफ्त ऑपरेशन शिविर चल रहा है।
सुकूम देवी के अनुसार, 25 जुलाई को सुबह 10 बजे वह अस्पताल पहुंचीं। उनका आधार और आयुष्मान कार्ड लिया गया, खून की जांच की गई और अल्ट्रासाउंड के लिए उन्हें बाहर भेजा गया। निजी अस्पताल से जांच कराकर रिपोर्ट जमा करने के बाद शाम 4 बजे उन्हें ऑपरेशन बेड पर लिटाया गया।
पीड़िता का आरोप है कि इसी दौरान उनसे 15,000 रुपये की मांग की गई। मजबूरी में कर्ज लेकर उन्होंने पैसे दिए और ऑपरेशन की तैयारी शुरू हुई। लेकिन बाहर उनके परिजनों ने पैसे की मांग पर सवाल उठाया, जिससे हंगामा हो गया। हंगामा बढ़ते देख अस्पताल प्रबंधन ने ऑपरेशन रोक दिया और महिला को डांट-डपट कर भगा दिया, जबकि पैसे भी वापस नहीं किए।
प्रशासन से न्याय की गुहार
पीड़िता ने अपने आवेदन में दोषी डॉक्टरों, एनजीओ, पदाधिकारियों और बिचौलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही पंद्रह हजार रुपये वापस दिलाने और आवश्यक ऑपरेशन कराने की भी गुहार लगाई है।
यह मामला स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। यदि आरोप सही हैं, तो यह न केवल अमानवीय है बल्कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलता है।
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया
उप विकास आयुक्त सतीश चंद्रा ने कहा कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। वहीं डीएस डॉ. देवेश ने ऐसी किसी घटना से इनकार किया, लेकिन कहा कि यदि यह घटना सत्य पाई जाती है तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
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