शंख सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं बल्कि वैज्ञानिक आधार भी


शंख सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं बल्कि वैज्ञानिक आधार भी : हिन्दू धर्म रक्षा मंच के बजरंगी महतो

साहिबगंज : अगर कोई प्रत्येक दिन शंख बजाता है, तो यह सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है। विज्ञान कहता है कि इससे हमारे शरीर के लिए कई फायदे हैं। शंख बजाने से श्वसन प्रणाली की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं, जिससे साँस लेने की क्षमता बढ़ती है।

यही नहीं, यह उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जो रात में स्लीप एपनिया यानी साँस रुकने की समस्या से जूझते हैं। उक्त बातें हिन्दू धर्म रक्षा मंच के प्रदेश महासचिव बजरंगी महतो ने एक भेंट वार्ता में कही। उन्होंने बताया कि शंख बजाने के दौरान गले और जीभ की मांसपेशियाँ एक्टिव होती हैं।

यह मांसपेशियों की व्यायाम जैसी स्थिति बनाती हैं, जिससे नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है और रात में ऑक्सीजन स्तर स्थिर रहता है। उन्होंने विशेषज्ञों का हवाला देते हुए बताया कि प्रत्येक दिन कुछ मिनट शंख बजाने और महीने भर नियमित अभ्यास से, इन स्वास्थ्य लाभों को महसूस किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शंख बजाना सिर्फ धार्मिक रिवाज नहीं, बल्कि विज्ञान द्वारा सुझाया गया एक प्राकृतिक और असरदार स्वास्थ्य अभ्यास भी है।


रिपोर्ट: संजय कुमार धीरज | साहिबगंज न्यूज डेस्क

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