देवघर के ‘लंकेश्वर’ सिद्धनाथ झा: रावण जैसी हंसी से बनते हैं लोगों के चहेते, मोदी और राजेश खन्ना तक हुए मुरीद
मिलिए देवघर के रावण सिद्धेश्वर झा से, लंकेश्वर जैसी अट्टहास सुनकर लोग हो जाते हैं मंत्रमुग्ध, उनके कलाकारी के राजेश खन्ना से लेकर नरेंद्र मोदी तक मुरीद
देवघर : देवों के देव महादेव की धरती यानि देवघर में एक ऐसे कलाकार रहते हैं, जिन्हें लोग ‘लंकेश्वर’ के नाम से जानते हैं। असल नाम सिद्धनाथ झा है। अपने व्यक्तित्व, अभिनय और रावण जैसी गगनभेदी हंसी से ये देवघर ही नहीं बल्कि पूरे देश में चर्चित हैं।
सिद्धनाथ झा ने अनेक टीवी धारावाहिकों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में रावण की भूमिका निभाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया है। उनके संवाद और ठहाकों से ऐसा प्रतीत होता है, मानो त्रेतायुग का रावण साक्षात मंच पर खड़ा हो।
सिद्धनाथ झा जब भी देवघर के किसी गली से गुजरते हैं तो लोग उन्हें उनके असली नाम से कम और ‘लंकेश्वर’ या फिर रावण के नाम से ही पुकारते हैं। सिद्धनाथ झा का कहना है कि मेरे अभिनय की सराहना तो हर कोई करता है, लेकिन कला को निखारने के लिए सही मंच नहीं मिल पाता।
अगर सरकार झारखंड के कलाकारों को अवसर दे, तो यहां से कई बड़े कलाकार उभर सकते हैं। सिद्धनाथ झा की कला को बॉलीवुड सुपरस्टार राजेश खन्ना ने सराहा था। देवघर प्रवास के दौरान उन्होंने झा को मुंबई आने और अभिनय का निमंत्रण दिया था, लेकिन आर्थिक दिक़्क़तों की वजह से वे नहीं जा पाए।
केवल यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके अभिनय की तारीफ की है। पीएम ने कहा था कि सिद्धनाथ झा जैसे कलाकार अपनी मेहनत और प्रतिभा से देवघर की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखे हुए हैं। आज भी सिद्धनाथ झा किसी ऑर्केस्ट्रा या कार्यक्रम में रावण डायलॉग डिलीवरी करते हैं तो लोग खूब पसंद करते हैं।
देवघर के इस कलाकार ने रावण के चरित्र को केवल खलनायक तक सीमित नहीं रखा, बल्कि भक्ति, ज्ञान और गूढ़ता की झलक भी दिखाई। उनके अभिनय से समाज को यह संदेश मिलता है कि हर चरित्र के भीतर अच्छाई का एक स्वरूप छिपा होता है।
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