NTPC में आखिर मजदूरों का शोषण क्यों ? क्या मजदूरों को मिलेगा उनका हक?


NTPC में आखिर मजदूरों का शोषण क्यों ? क्या मजदूरों को मिलेगा उनका हक?

कहलगांव: कहलगांव एनटीपीसी प्रबंधन हमेशा वादा खिलाफी कर मजदूरों का शोषण निरन्तर करते चला आ रहा है। आखिर एनटीपीसी, कहलगाँव प्रबंधन मजदूरों का हक हकुक आखिर क्यों मार है! क्या मजदूरों का हक मिलेगा ...अगर हाँ तो कब तक। अगर नहीं तो क्यूँ नहीं? इस मामले में झारखंड मजदूर कल्याण संघ ने बड़ा ऐलान किया है।

एनटीपीसी, कहलगाँव प्रबंधन और मजदूरों के बीच लम्बे समय से लंबित मांगों और वार्ता में ठोस निर्णय न होने के कारण आखिरकार मजदूर संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया है। दिनांक 29 अगस्त 2025 को जारी इस ज्ञापन ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर मेहनतकश मज़दूरों को उनका हक क्यों नहीं मिल पा रहा।

सहायक पॉइंट मैन, ब्रेक वैन वर्कर, डेटा एंट्री ऑपरेटर, कोयला उतारने से लेकर कोयले की पीसाइ वाले मज़दूर और सफाईकर्मी जैसे श्रमिक रोज़ाना पसीना बहाकर रेलवे और उससे जुड़ी व्यवस्थाओं को सुचारू रखते हैं। लेकिन आज भी उन्हें न्यूनतम वेतन, नियमित वेतनवृद्धि और स्थायी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है।


ज्ञापन में उठाई गई बातें

2025 से बढ़े हुए दर पर वेतन भुगतान, रात्रि भत्ता, साइकिल भत्ता, एरियर की राशि का निपटारा, डेटा एंट्री ऑपरेटरों के लिए कार्यभार के अनुरूप वेतन, और शहीद या दिवंगत मज़दूरों के परिजनों को अनुकंपा पर नियुक्ति। ये सभी मांगे न सिर्फ़ न्यायसंगत हैं, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से भी अत्यावश्यक हैं।

मजदूरों की प्रमुख मांगें

  • 2025 से बढ़े हुए दर पर वेतन भुगतान

  • रात्रि भत्ता और साइकिल भत्ता

  • एरियर का निपटारा

  • डेटा एंट्री ऑपरेटरों को कार्यभार के अनुरूप वेतन

  • शहीद या दिवंगत मज़दूरों के परिजनों को अनुकंपा पर नियुक्ति

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज़ादी के इतने वर्षों बाद भी मजदूर तबका अपने बुनियादी अधिकारों के लिए ज्ञापन और हड़ताल जैसे कदम उठाने को मजबूर हैं। एक ओर सरकार विकास और आर्थिक प्रगति की बातें करती है, वहीं दूसरी ओर मज़दूर वर्ग का संघर्ष उनके जीवन की सच्चाई बयान करता है।

झारखंड मज़दूर कल्याण संघ द्वारा इन मांगों को रखा जाना स्वागत योग्य है। अब बारी है प्रशासन और रेलवे प्रबंधन की कि वे जल्द से जल्द ठोस कदम उठाकर मजदूरों की इन जायज़ मांगों को पूरा करें। मजदूरों का कहना है कि एनटीपीसी, कहलगाँव प्रबंधन मजदूरों से हर छह महीने में चरित्र प्रमाण पत्र आखिर लेता क्यूँ है!एनटीपीसी प्रबंधन अपना अलग ही नियम-कानून और कवायद चला कर अपनी मनमानी करता आया है और मजदूरों का शोषण होता आया है!

आखिर ये मजदूर कब तक जुल्म और सितम सहेंगे। प्रबंधन को यह याद रखना ज़रूरी है कि रेलवे की पटरियों पर सिर्फ़ गाड़ियाँ नहीं दौड़तीं, बल्कि लाखों मजदूरों की उम्मीदें और उनके परिवारों की रोटियाँ भी चलती हैं। बार-बार की बैठकों और वार्ताओं के बावजूद कहलवांव एनटीपीसी प्रबंधन मजदूरों की मांगों को नज़रअंदाज़ कर रहा है।

इसके खिलाफ अब मजदूरों ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। मौके पर पूर्व विधायक सह केन्द्रीय अध्यक्ष झारखंड मजदूर कल्याण संध के राजेश रंजन ने कहा कि एनटीपीसी प्रबंधन, कहलगाँव अगर अपनी मनमानी से बाज नहीं आती है तो मजदूरों के हितों के लिए यह अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगा। अगर मजदूर खुशहाल होंगे, तभी उद्योग और राष्ट्र दोनों मजबूत होंगे।


रिपोर्ट: संतोष कुमार झा | साहिबगंज न्यूज डेस्क

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