राजमहल: पर्यटन की अपार संभावनाओं वाला ऐतिहासिक नगर


पर्यटन की असीम संभावनाओं को समेटे है राजमहल अनुमंडल, यहां दर्जनों ऐतिहासिक व पौराणिक स्थल मौजूद

पर्यटन की असीम संभावनाओं को समेटे है राजमहल अनुमंडल, यहां दर्जनों ऐतिहासिक व पौराणिक स्थल मौजूद

साहिबगंज : संथाल परगना प्रमंडल के साहिबगंज जिले में स्थित ऐतिहासिक नगरी राजमहल अनुमंडल पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह नगर अपनी पौराणिक विरासत, स्थापत्य कला और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। साथ ही, हल्दिया–वाराणसी जलमार्ग के जरिये यह क्षेत्र पूरे संथाल परगना को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ता है।

राजमहल को टूरिज्म सर्किट में शामिल करने की मांग लंबे समय से की जा रही है। यदि इसे औपचारिक रूप से पर्यटन सर्किट का दर्जा मिलता है, तो न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी बल्कि आगंतुकों को बेहतर सुविधाएं भी मिल सकेंगी।


कंचनजंघा टूरिस्ट फेस्टिवल में पहली बार शामिल हुआ राजमहल

हाल ही में 26 सितंबर 2025 को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में आयोजित कंचनजंघा टूरिस्ट फेस्टिवल में पहली बार झारखंड को शामिल किया गया, जहां राजमहल का विशेष स्टॉल लगाया गया।
यह पहल राजमहल विधायक मो. ताजउद्दीन उर्फ एम.टी. राजा के प्रयासों से संभव हुई। इस फेस्टिवल में झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, भूटान और नेपाल के प्रतिनिधिमंडल शामिल हुए।


ऐतिहासिक धरोहरें और प्राकृतिक सौंदर्य

राजमहल के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल —
सिद्धी दलान, अकबरी मस्जिद, टकसाल घर, मैनाबीबी तालाब, जामा मस्जिद, बाराद्वारी, मोतीझरना जलप्रपात, फॉसिल पार्क और रामसर साइट पक्षी अभयारण्य — हर वर्ष देश-विदेश से सैकड़ों सैलानियों को आकर्षित करते हैं।
कई विदेशी पर्यटक यहां होली, दुर्गा पूजा और महाशिवरात्रि जैसे भारतीय त्योहारों में शामिल होकर भारतीय संस्कृति का अनुभव भी करते हैं।


सुविधाओं की कमी अब भी चुनौती

हालांकि राजमहल पर्यटन के लिए अपार संभावनाओं से भरा है, परंतु होटल और रेस्टोरेंट जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी अभी भी बड़ी चुनौती बनी हुई है।
गंगा नदी के हल्दिया–वाराणसी जलमार्ग पर संचालित पांडव क्रूज, असम बंगाली नेविगेशन क्रूज और गंगा विलास क्रूज के जरिये विदेशी सैलानी यहां पहुंचते हैं।
कई बार देर शाम आने वाले पर्यटकों को ठहरने की उचित व्यवस्था न होने के कारण क्रूज पर ही रात्रि विश्राम करना पड़ता है।

स्थानीय गाइड शुभेंदु, अर्णव, चक्रवर्ती और दीपक मिश्रा के अनुसार, कई सैलानी सुरक्षा और आवास की अपर्याप्तता के कारण असहज महसूस करते हैं।


विदेशी पर्यटकों का बढ़ता रुझान

इस वर्ष अब तक 70 से अधिक विदेशी पर्यटक राजमहल के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कर चुके हैं। इनमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, थाईलैंड, न्यूजीलैंड, बेल्जियम और मलेशिया जैसे देशों के यात्री शामिल हैं।
वर्ष 2024 में 193 विदेशी पर्यटक, जबकि 2023 में 125 सैलानी यहां पहुंचे थे। कई विदेशी आगंतुकों ने स्थानीय विद्यालयों का दौरा कर बच्चों से बातचीत की और भारतीय संस्कृति को नज़दीक से समझा।


विधायक का बयान

राजमहल विधायक मो. ताजउद्दीन (एम.टी. राजा) ने कहा —

“राजमहल को पर्यटन के मानचित्र पर लाने के लिए झारखंड सरकार और जिला प्रशासन मिलकर काम कर रहे हैं। टूरिस्ट सर्किट विकसित कर यहां की ऐतिहासिक धरोहरों और प्राकृतिक सौंदर्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।”


आगे की राह

राजमहल में आवास, सुरक्षा और आधुनिक सुविधाओं का विकास विदेशी सैलानियों के अनुभव को और बेहतर बना सकता है। यदि सरकार इन पहलुओं पर ध्यान दे, तो राजमहल आने वाले समय में पूर्वी भारत का प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र बन सकता है।


रिपोर्ट: संजय कुमार धीरज | साहिबगंज न्यूज डेस्क

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