साहिबगंज में दुकानदारों को निशाना बना रहे साइबर ठग, “ऑनलाइन पेमेंट” के नाम पर ठगी


साहिबगंज में दुकानदारों को निशाना बना रहे साइबर ठग, “ऑनलाइन पेमेंट” के नाम पर ठगी

साहिबगंज: डिजिटल लेन-देन के दौर में जहां ऑनलाइन पेमेंट से सुविधा बढ़ी है, वहीं साइबर ठगों ने इसे ठगी का नया हथियार बना लिया है। साहिबगंज जिले में हाल के दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें दुकानदारों और छोटे व्यापारियों को निशाना बनाकर ठगी की गई है। ये ठग बड़ी चालाकी से दुकानदारों के खातों का इस्तेमाल साइबर अपराध के लिए करते हैं।

कैसे देते हैं ठगी को अंजाम

साइबर ठग सामान्य ग्राहकों की तरह दुकानों पर पहुँचते हैं और कुछ सामान खरीदते हैं, जिससे दुकानदार को कोई शक न हो। सामान खरीदने के बाद वे भावनात्मक कहानी सुनाते हैं —

“भैया, मेरे रिश्तेदार अस्पताल में भर्ती हैं, तुरंत पैसों की ज़रूरत है। मैं आपके खाते में पैसे ऑनलाइन भेज देता हूँ, आप मुझे उतना कैश दे दीजिए।”

दुकानदार को कुछ ही मिनटों में अपने खाते में राशि आती दिखती है, जबकि वह पैसा वास्तव में किसी अन्य व्यक्ति के खाते से साइबर ठगी के ज़रिए ट्रांसफर किया गया होता है। दुकानदार नकद पैसे दे देता है और बाद में जांच में वही संदिग्ध बन जाता है।

दुकानदार कैसे फँस जाते हैं

पैसे के आते ही नकद भुगतान करने के कारण दुकानदार का खाता साइबर ट्रांजैक्शन के चेन में जुड़ जाता है। जांच में जब असली पीड़ित शिकायत करता है, तो पुलिस ट्रांजैक्शन ट्रैक करती है और दुकानदार का नाम सामने आता है।
क्योंकि दुकानदार के पास इस सौदे का कोई वैध प्रमाण या बिल नहीं होता, उसे आर्थिक और कानूनी परेशानी झेलनी पड़ सकती है — बैंक खाता फ्रीज होना, पूछताछ या रकम वापस करनी पड़ना आम है।

सतर्कता ही बचाव है

  • अजनबी व्यक्ति के लिए आई राशि का तुरंत कैश भुगतान न करें

  • हर लेन-देन का लिखित रिकॉर्ड या बिल रखें।

  • दुकान पर एक स्पष्ट नीति लगाएँ — “हम केवल सामान या सेवा के बदले ही भुगतान स्वीकार करते हैं, नकद पेमेंट की सेवा नहीं है।”

  • किसी ग्राहक पर भावनात्मक दबाव में आकर नकद देने से बचें।

  • संदिग्ध स्थिति में 112 या साइबर हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत संपर्क करें।

  • किसी के पहचान पत्र पर तुरंत भरोसा न करें, क्योंकि ठग फर्जी दस्तावेज का भी इस्तेमाल करते हैं।

कौन बन रहे हैं सबसे बड़े शिकार

किराना, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य खुदरा दुकानदार जो हर ग्राहक की मदद करने की भावना रखते हैं, वे सबसे अधिक शिकार बनते हैं। ये ठग सामाजिक सहानुभूति का फायदा उठाकर अपने अपराध को अंजाम देते हैं।

संदेश सभी व्यापारियों के लिए

सिर्फ वही लेन-देन करें जो आपके व्यापारिक कामकाज से दर्ज और पारदर्शी हो। किसी अजनबी की भावनात्मक कहानी पर भरोसा न करें। अपने परिवार, स्टाफ और अन्य दुकानदारों को इस नई ठगी के तरीके के प्रति जागरूक करें।

“सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है — जागरूक रहें और दूसरों को भी सतर्क करें।”


रिपोर्ट: संजय कुमार धीरज | साहिबगंज न्यूज डेस्क

0 Response to "साहिबगंज में दुकानदारों को निशाना बना रहे साइबर ठग, “ऑनलाइन पेमेंट” के नाम पर ठगी"

Post a Comment

साहिबगंज न्यूज़ की खबरें पढ़ने के लिए धन्यवाद, कृप्या निचे अनुभव साझा करें.

Iklan Atas Artikel

Iklan Tengah Artikel 2

Iklan Bawah Artikel