40 की मौत पिछले 24 घंटे में साथ ही 1000+ नये मामले, लॉकडाउन बढ़ना तय हो सकता है.
Apr 12, 2020
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बीते 24 घंटे में भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के एक हजार से अधिक नये मामले सामने आने के बाद लॉकडाउन अप्रैल अंत तक के लिये बढ़ना तय माना जा रहा है, शनिवार को राज्यों के बीच इस बात को लेकर सहमति भी बन गई है.
देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 8446 हो गई है. और मरने वालो की संख्या 288 हो गई है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य सरकारों को लॉकाडाउन के उल्लंघन को नियंत्रित करने के लिये कदम उठाने और लोगों के समाजिक मेल जोल से दूरी सुनिश्चित करने के लिये कहा है.
संवाद के दौरान कई मुख्यमंत्रियों ने वायरस से निपटने के लिये केन्द्र सरकार की ओर से वित्तीय राहत की मांग की जबकि मोदी ने देश को स्वस्थ रहने और समृद्ध बनाने में मदद करने वास्ते किसानों की मदद के लिए कृषि उपज के प्रत्यक्ष विपणन को प्रोत्साहित करने समेत कई उपाय सुझाए.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा राज्यों ने 10 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की है, ओडिशा और पंजाब के बाद आधिकारिक तौर पर लॉकडाउन को बढाने की घोषणा करने वाला महाराष्ट्र इस बात को लेकर बिल्कुल स्पष्ट दिखा कि वायरस के हॉटस्पॉट के तौर पर चिन्हित किये गए इलाकों में कड़ी पांबदियां लगाई जाएं जबकि जो इलाके प्रभावित नहीं हैं उनमें छूट दी जाए.
संवाद के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री वी एस येदियुरप्पा ने कहा कि 14 अप्रैल के बाद अगले दो हफ्ते का बंद अभी जारी पिछले तीन हफ्तों के बंद से अलग होगा. येदियुरप्पा ने कहा, प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले पंद्रह दिनों के दौरान लॉकडाउन में चरणबद्ध तरीके से ढील दी जाएगी.
सरकारी कार्यालयों को आंशिक श्रमबल के साथ काम करने की अनुमति दी जाएगी.सरकार जल्द ही ऐसे कदमों की घोषणा करेंगे. इससे अलग सूत्रों ने कहा कि सोमवार से सभी केन्द्रीय मंत्रियों को अपने-अपने कार्यालयों से कामकाज शुरु करने और लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था को गति देने की योजना बनाने के लिये कहा गया है.
सूत्रों ने शनिवार को कहा कि सभी मंत्रियों से कहा गया है कि संयुक्त सचिव और उससे ऊपर की रैंक के अधिकारी अपने अपने विभागों में काम शुरू करें. इसके अलावा प्रत्येक मंत्रालय में आवश्यक कर्मचारियों के एक तिहाई सदस्यों का उपस्थित होना जरूरी है. वहीं सरकारी अधिकारियों ने कहा कि लॉकडाउन के दूसरे चरण के लिये दिशा-निर्देश अगले कुछ दिनों में घोषित कर दिये जाएं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कहा कि यदि भारत ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये लॉकडाउन और अन्य कदम नहीं उठाये होते तो 15 अप्रैल तक देश में संक्रमण के मामले बढ़ कर 8.2 लाख तक पहुंच सकते थे. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटे में देश भर में कोविड-19 के 1035 नये मामले सामने आये हैं और 40 लोगों की मौत हुई है.
मोदी के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद में शिरकत करने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ऐलान किया कि लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है. उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में लॉकडाउन में ढील दी जा सकती है जबकि कुछ क्षेत्रों में उसे और कड़ा किया जाएगा.
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि अगर नियमों का सही ढंग से पालन नहीं किया गया तो लॉकडाउन को अप्रैल से आगे भी बढ़ाया जा सकता है. प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, मोदी ने कृषि उपज की बिक्री की सुविधा के लिए एपीएमसी (कृषि उपज बाजार समिति) कानूनों में संशोधन सहित कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए विशिष्ट उपाय सुझाए.
उन्होंने यह भी कहा कि पहली पंक्ति में खड़े सभी पेशवरों के लिये सुरक्षात्मक और महत्वपूर्ण उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं. मोदी ने कहा, लॉकडाउन की घोषणा करते हुए मैंने कहा था.
उन्होंने कहा कि जब प्रत्येक नागरिक इन दोनों आयामों पर ध्यान देगा और सरकार के निर्देशों का पालन करेगा, तब इससे कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में हमें ताकत मिलेगी. प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल ने लॉकडाउन को कम से कम एक पखवाड़े के लिए बढ़ाने का सुझाव दिया.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुझाव दिया कि देशभर में लागू लॉकडाउन की अवधि 30 अप्रैल तक बढ़ाई जानी चाहिए. संवाद में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे, उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मनोहर लाल, तेलंगाना के के. चंद्रशेखर राव, बिहार के नीतीश कुमार आदि उप्स्थिक थे.
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